Posts

Showing posts from January, 2023

गहराई

दिलकी   गहराईयोंमे   कुदके   देख   जालिम मिट्टीसे   जान   बनाना   मुश्किल   है   अब   भी लोग   सामने   देखके   मुस्कुराते   हैं   कुछ   चेहरे मैं   अच्छा   हुं   बुरा   देखकर   भी   पहचानता   हुं कभी   तो   जमेगी   बात   सोचकर   चलता   रहा आधी   जिंदगी   चला ,  किस्से   आधे   भी   न   चले तुझे   पहेली   समझके   लोग   बुझते   रहे मैं   जवाब   तो   दे   दुं ,  तु   मुकर   जायेगी   चुपसे याद   दिला   मुझे   उम्र   कि ,  मै   अकेला   नही बयां   करने   के   लिऐ   तजुर्बे   कैसे   मिलते   है खुश   है   तु   किस   बातपे ,  सोचता   हैं   वो खुश   हैं   तु   इस   बातपे ,  वो   जानता   ही   नही मैं   भुल   बैठा   तुझे   अपनी   समझदारीसे समझ   जाने   के   कुछ   अपने   फायदे   भी   हैं दिल   दिमाग   की   गलती   जुबां   नही   मानती कहती   हैं   प्यार   हैं ,  हम   हमजुबां   तो   नही ?